Tuesday, October 13, 2015

लक्ष्मी सकतुतग - ३

सिन्धोर्जाता कमलनिलया मङ्गला विष्णुपत्नी
कारुण्याभा सलिलवसना भक्तलोकानुकूला ।
भूमा यस्या: सहचरवधू: विष्णुचित्तात्मजा वै
सम्पद्यन्ते निखिलवसुधासम्पदास्त्वत्प्रपत्त्या।। (2)
Born from the ocean, residing in lotus, auspicious, wife of Vishnu, shining with mercy, living on waters, favourable to devotees, and whose co-consorts are Bhudevi & Godadevi (daughter of Vishnucitta). Who takes refuge on your feet will get all wealth of the world.
सागर से उत्पन्न, कमल पर रहनेवाली, मङ्गल करनेवाली, विष्णु की पत्नी, करुणा रूप प्रकाश युक्त, जल पर वास करनेवाली, भक्तों को अनुकूल करनेवाली, और जिस की सहधर्म पत्नी भूमि और गोदा । इस लक्ष्मी के शरण में जानेवालों को भूमि के सर्व ऐश्वर्य प्राप्त होगा ।।

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