शिवं भज शिवं भूयाद् शिवं
भज शिवं भूयात् ।
शिवं भज शिवं भूयाद् शिवं
भज शिवं भूयात् ॥
शिवं = वेदं,
भज = सेवस्व, शिवं = कल्याणं, भूयात् = प्राप्नुयात्, शिवं = महादेवं,
भज = सेवस्व, शिवं = मोक्षः, भूयात् = प्राप्नुयात्, शिवं =
मङ्गलवन्तं, शिवं = ईशानं,
भज = सेवस्व, शिवं = (अभिषेकप्रियत्वात्) जलरूपं शिवं, भूयात् = भुवि (भूमौ) यः (यशः) = भूयः, तद्धेतोः भूयात्, भज = सेवस्व,
शिवं = ब्रह्म, भूयात् = भव ॥
शिवं (वेदं) भज
शिवं (कल्याणं) प्राप्नुयात् । शिवं (महादेवं) भज शिवं (मोक्षं) प्राप्नुयात् ।
शिवं (मङ्गलवन्तं) शिवम् (ईशानं) भज । शिवं (जलरूपं) धरायां यशसे भज । (अन्ते)
शिवं (ब्रह्म) भूयात् ॥
वेदों का सेवन
करें ताकि आप का कल्याण हो । शिव जी का भजन करें ताकि मोक्ष प्राप्त कर सकें ।
मङ्गलरूपी शिवजी का सदा भजन करें । जलरूपी शिवजी का भजन इस दुनिया में यशः प्राप्ति के लिए भजन करें ।
अन्त में स्वयं शिव ही बन जावें ॥
विशेषः -
१) शिव शब्द का
नाना अर्थ है जैसे - वेद, कल्याण, शिवजी, सुखं, मङ्गलयुक्त द्रव्य,
जल और ब्रह्म ।
२) भूयात् तीन
जगह पर धातु के रूप में आशीर्लिङ में प्रयुक्त है ।
३) एक जगह पर
भूयात् = भू+यात् । भू भूमि के अर्थ पर, यात् इति यः इति शब्द का पञ्चमी एकवचन में प्रयुक्त है । यः का मतलब् है यशस्
।
Salute Vedas for welfare. Revere Lord Shiva for
liberation. Serve auspicious Shiva. Worship Lord Shiva, who is in the form of
Water for fame in this world. At the end you become as Brahma.
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