I DID NOT TEACH THE BULL LOGIC
तैलनिष्पीडने
वृषं दृष्ट्वाऽचिन्तयत्तार्किकः ।
कथं च तस्मिन् विश्वासोऽवदत्स्वामी
न पाठितः ॥
तात्पर्यम् -
तैलनिष्पीडनयन्त्रम् एकः वृषः कर्षयन् भ्रमति स्म । तस्य स्वामी एकत्र निद्राति
स्म । तस्य वृषस्य गले एक घण्टा आसीत् । तस्य भ्रमणकाले सा घण्टा ध्वनिं करोति स्म
। यदा घण्टानादः न श्रूयते तदा स्वामी उत्थाय तं सकृत् ताडयित्वा पुनः निद्राति
स्म । तदा तत्र कश्चित् नैयायिकः समागतः । एतत् सर्वं दृष्ट्वा सः नैयायिकः
अचिन्तयत् तं स्वामिनम् अपृच्छत् च यदि एषः वृषः एकत्र स्थित्वा एव गलं चालयति
चेद् भवान् किं करिष्यति इति । तदानीं स्वामी अवदत् अत एव एतं वृषं (तर्क)शास्त्रं
न पाठितवान् इति ॥
तैलनिष्पीडने = तैल निष्पीडन के चक्की पर, वृषं = बैल को (घूमते हुए), देखकर = देखते हुए, तार्किकः = एक न्याय शास्त्र पढा हुआ विद्वान्, अचिन्तयत् = सोचता था । कथं च = कैसे तस्मिन् = इअस बैल पर, विश्वासः = विश्वास करते हो, स्वामी = (उस चक्की के) मालिक ने, अवदत् = बताया था, न पाठितः = (इस लिए इस को तर्कशास्त्र) नहीं पढाया ॥
हिन्दी - एक तैल
चक्की को खींचते हुए एक बैल घूम रहा था । उस के स्वामी एक स्थान पर सो रहा था । उस
बैल के गले में एक घण्टी बांधी हुई थी । जब बह घूमना बंद कर देता था तब घण्टी
सुनाई नहीं देती थी । उस समय उस के स्वामी उठकर उसे एक बार मारकर फिर से सो जाता
था । उस तरफ एक तर्क शास्त्र पढा हुआ विद्वान् आया, वह यह सब देखकर, उस स्वामी से पूछा कि अगर यह बैल एक ही जगह पर रहकर गले हिलातो तो आप को कैसे
मालुम पडता वह घूमता है या नहीं । तब स्वामी ने बताया कि इस लिए मैं ने इस को
(तर्क)शास्त्र नहीं पढाया ॥
English – There was an Oil Press where the owner tied a
Bell on a Bull and made to run round the Oil-Press, so that oil comes out of
that. Then he was sleeping in a corner of that oil-press. Whenever he did not
hear the Bell sound he woke up and beat the Bull and made it to make a round
again. A scholar of Logic observed all this and asked the owner, if the Bull
standing in one place and shaking its head, then also you would hear the Bell
sound. In that case what would you do? The owner coolly answered that is why I
did not teach him Logic.
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